भोपाल राजधानी एम्स अस्पताल के पास बागसेवनिया हमराही में मंदिर के नाम पर हो रहा अवैध अतिक्रमण अंदर ही अंदर मंदिर का निर्माण कार्य किया जा रहा है एक और प्रदेश के मुख्यमंत्री बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर गली मोहल्ले के कांग्रेस के छोट भैया नेताओं की शिकायत पर गरीब छोटे व्यवसायियों की दुकान अथवा खेलों पर रोजी रोटी कमाने वालों को नगर निगम द्वारा रोजगार सुना जा रहा है विगत दिनों पहले कांग्रेस के एक छोट भैया नेता मदन गिरी नामक व्यक्ति ने इन दुकानों को हटवाने के लिए लिखित शिकायत की थी अथवा नगर निगम प्रशासन को इनके द्वारा धमकी भी दी गई थी कि अगर भी दुकाने नहीं हटाई गई तो वह अपने पूरे परिवार के साथ नगर निगम कार्यालय के सामने आत्मदाह करेंगे मदन गिरी के द्वारा दी गई धमकी और शिकायत के पीछे उनका अपना व्यक्तिगत स्वार्थ है जो डेट न्यूज़ के संवाददाता आर एस सिंह खालसा द्वारा ज्ञात करवाया जा रहा है कि जिस जगह पर छोटे दुकानदार अपनी रोजी-रोटी चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे ठीक उसी स्थान पर मदन गिरी का एक अपना मकान है जिसको जुड़वा कर भव्य मकान की योजना है इसी मकान में वर्तमान में कंस्ट्रक्शन का कार्य चल रहा है इसमें मदन गिरी का व्यक्तिगत स्वार्थ यह है कि वह मकान के सामने इन दुकानों को हटवा कर वहां पर अपनी कार पार्किंग और बगीचा बनाने की योजना है देखने में आया कि वहां पर कुछ पेड़ भी लगा दिए गए हैं और जिन जगह से दुकानों को हटाया गया उस जगह पर करीबन दो डंपर मिट्टी गिरवाई जा चुकी है यह उनका अपना निजी स्वार्थ होने का प्रमाण है दूसरी ओर सुलभ शौचालय के पास जितनी शासकीय जमीन खाली पड़ी थी उस जमीन पर मदन गिरी के मार्गदर्शन में उन्हीं के नजदीकी रिश्तेदार जैसे उनके बहन और जीजा का अवैध रूप से अतिक्रमण कराया जा चुका है एक तरफ मदन गिरी के द्वारा दुकानदारों पर शिकायत रूपी आरोप लगाया गया था जैसे नशीले मादक पदार्थ गांजा चरस शराब आदि सामग्री बेची जाती है मगर इसका खुलासा नहीं हो पाया सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी में मदन गिरी के नजदीकी रिश्तेदारों के द्वारा अतिक्रमण करके अंदर ही अंदर हो रहा मंदिर का निर्माण की जगह पर उनके ही रिश्तेदार गांजा पीते और बेचते भी हैं ऐसी जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई है इन दुकानों को नगर निगम द्वारा हटाया गया है यह नगर निगम की ओर से पक्षपात किया गया है अगर नगर निगम प्रशासन 1 सूत्री कार्यक्रम के चलते मदन गिरी की शिकायत पर दुकानें हटाई न थी जबकि यह दुकान है 12/ 15 सालों से उसी जगह पर स्थापित थी शासन प्रशासन को इसकी जानकारी पहले भी थी फिर क्यों मदन गिरी के द्वारा दिए गए संरक्षण से मंदिर के नाम पर हो रहा अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया यह एक शासन प्रशासन के लिए एक बड़ा प्रश्न बिंदु है क्या छोटे दुकानदारों को रोजी रोटी मुहैया कराने से ज्यादा जरूरी अवैध रूप से अतिक्रमण करके मंदिर का निर्माण ज्यादा जरूरी समझा गया है यह मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने की घोषणा की जा रही है वह सब झूठी है
मंदिर के नाम पर अतिक्रमण