कमल नाथ*के खिलाफ केस नंबर* *601/84 का नोटिफिकेशन, गिरफ्तारी, इस्तीफे का* दवाब*

 


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ केस नंबर 601/84 खोलने का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। कमलनाथ एक बार फिर 1984 में हुए सिख नरसंहार मामले में आरोपी बन गए हैं। ( *एसआईटी उन्हे पूछताछ के लिए बुला सकती है। उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। पंजाब के नेताओं ने सोनिया गांधी से अपील की है कि वो कमलनाथ से इस्तीफा ले ल*ें ताकि कमलनाथ अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जांच को प्रभावित ना कर पाएं। 


*यह मामला लगातार कमलनाथ का पीछा कर रहा है*
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों को फिर से खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को यह जानकारी दी। बता दें कि 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद जब कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे, तब भी उनके खिलाफ 1984 सिख विरोधी दंगों के आरोपों का मामला उठा था। इससे पहले कांग्रेस ने उन्हे पंजाब का प्रभारी बनाया था फिर वापस बुलाना पड़ा था। 
*केस नंबर 601/84 को दोबारा खोलने का नोटिफिकेशन जारी*


सिरसा ने एक ट्वीट में कहा, 'अकाली दल के लिए एक बड़ी जीत। 1984 में सिखों के नरसंहार में कमलनाथ के कथित तौर पर शामिल होने के मामलों को SIT ने दोबारा खोला। पिछले साल मैंने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया था जिसके बाद मंत्रालय ने *कमलनाथ के खिलाफ ताजा सबूतों पर विचार करते हुए केस नंबर 601/84 को दोबारा खोलने का नोटिफिकेशन जारी किया* है।'


*रकाबगंज गुरुद्वारे में हुई हिंसा*
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*अकाली विधायक और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी* (DSGMC) के प्रमुख सिरसा ने कहा कि SIT कमलनाथ के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही है। उन्होंने 1984 में दिल्ली स्थित रकाबगंज गुरुद्वारे में हुई हिंसा का खास जिक्र किया।


*कमलनाथ के खिलाफ 2 गवाह लिखित बयान को तैयार: अकाली नेता*


*सत्य कभी झुकता नही  सत्य से कोई समझौता नही स्वराज एक्सप्रेस*
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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'केस को दोबारा खोलने के लिए मैं SIT को धन्यवाद देता हूं। जिन चश्मदीदों ने कमलनाथ को सिखों की हत्या करते देखा था, उन लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे आगे आएं और गवाह बनें। डरने की कोई जरूरत नहीं है।'


*2 गवाह तैयार, उनके पास कई जानकारियां हैं*
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सिरसा ने मीडिया से बाचतीत में यह भी दावा किया कि दो गवाह कमलनाथ के खिलाफ गवाही देंगे। उन्होंने कहा, 'दो गवाह अपना लिखित बयान देने को तैयार हैं। हमने उनसे आज ही बात की है। जांच कर रही एसआईटी को हमने सूचित किया है। वह कोई एक दिन तय करके गवाही लेगी।' सिरसा ने बताया कि उन्होंने दोनों गवाहों को सुरक्षा देने की भी मांग उठाई है क्योंकि दोनों एक राज्य के सीएम के खिलाफ गवाही देने वाले हैं।


*जल्द गिरफ्तार होंगे कमलनाथ, सज्जन कुमार जैसा होगा अंजाम*?
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अकाली नेता ने कहा, 'जल्द ही वह (कमलनाथ) गिरफ्तार होंगे और सज्जन कुमार जैसे हश्र का सामना करेंगे।' बता दें कि कांग्रेस से 3 बार सांसद रहे सज्जन कुमार 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपनी भूमिका की वजह से उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।


*कमलनाथ से इस्तीफा ले लें*
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सिरसा ने 1984 दंगों में कमलनाथ के कथित तौर पर शामिल होने के बावजूद उन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए रखने को लेकर कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, 'हम कांग्रेस अध्यक्ष से मांग करते हैं कि वह तत्काल प्रभाव से कमलनाथ से इस्तीफा लेकर उन्हें पद से हटाएं, तब ही सिखों को न्याय मिलेगा।' सिरसा ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि कमलनाथ इकलौते ऐसे सीएम बनेंगे जो पद पर रहते हुए 1984 दंगों में गिरफ्तार होंगे।'


*कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर एजेंसियों का शिकंजा*
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बता दें कि कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर इन दिनों जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कर्नाटक के दिग्गज डी. के. शिवकुमार जेल में हैं। कथित लैंड स्कैम के मामलों में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ईडी कई बार पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने अदालत से सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर के खिलाफ हत्या या फिर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा चलाने की गुजारिश की है। कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी जेल में हैं


प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ केस नंबर 601/84 खोलने का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। कमलनाथ एक बार फिर 1984 में हुए सिख नरसंहार मामले में आरोपी बन गए हैं। ( *एसआईटी उन्हे पूछताछ के लिए बुला सकती है। उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। पंजाब के नेताओं ने सोनिया गांधी से अपील की है कि वो कमलनाथ से इस्तीफा ले ल*ें ताकि कमलनाथ अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जांच को प्रभावित ना कर पाएं। 


 


*यह मामला लगातार कमलनाथ का पीछा कर रहा है*


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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों को फिर से खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को यह जानकारी दी। बता दें कि 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद जब कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे, तब भी उनके खिलाफ 1984 सिख विरोधी दंगों के आरोपों का मामला उठा था। इससे पहले कांग्रेस ने उन्हे पंजाब का प्रभारी बनाया था फिर वापस बुलाना पड़ा था। 


*केस नंबर 601/84 को दोबारा खोलने का नोटिफिकेशन जारी*


 


सिरसा ने एक ट्वीट में कहा, 'अकाली दल के लिए एक बड़ी जीत। 1984 में सिखों के नरसंहार में कमलनाथ के कथित तौर पर शामिल होने के मामलों को SIT ने दोबारा खोला। पिछले साल मैंने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया था जिसके बाद मंत्रालय ने *कमलनाथ के खिलाफ ताजा सबूतों पर विचार करते हुए केस नंबर 601/84 को दोबारा खोलने का नोटिफिकेशन जारी किया* है।'


 


*रकाबगंज गुरुद्वारे में हुई हिंसा*


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*अकाली विधायक और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी* (DSGMC) के प्रमुख सिरसा ने कहा कि SIT कमलनाथ के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही है। उन्होंने 1984 में दिल्ली स्थित रकाबगंज गुरुद्वारे में हुई हिंसा का खास जिक्र किया।


 


*कमलनाथ के खिलाफ 2 गवाह लिखित बयान को तैयार: अकाली नेता*


 


*सत्य कभी झुकता नही सत्य से कोई समझौता नही स्वराज एक्सप्रेस*


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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'केस को दोबारा खोलने के लिए मैं SIT को धन्यवाद देता हूं। जिन चश्मदीदों ने कमलनाथ को सिखों की हत्या करते देखा था, उन लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे आगे आएं और गवाह बनें। डरने की कोई जरूरत नहीं है।'


 


*2 गवाह तैयार, उनके पास कई जानकारियां हैं*


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सिरसा ने मीडिया से बाचतीत में यह भी दावा किया कि दो गवाह कमलनाथ के खिलाफ गवाही देंगे। उन्होंने कहा, 'दो गवाह अपना लिखित बयान देने को तैयार हैं। हमने उनसे आज ही बात की है। जांच कर रही एसआईटी को हमने सूचित किया है। वह कोई एक दिन तय करके गवाही लेगी।' सिरसा ने बताया कि उन्होंने दोनों गवाहों को सुरक्षा देने की भी मांग उठाई है क्योंकि दोनों एक राज्य के सीएम के खिलाफ गवाही देने वाले हैं।


 


*जल्द गिरफ्तार होंगे कमलनाथ, सज्जन कुमार जैसा होगा अंजाम*?


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अकाली नेता ने कहा, 'जल्द ही वह (कमलनाथ) गिरफ्तार होंगे और सज्जन कुमार जैसे हश्र का सामना करेंगे।' बता दें कि कांग्रेस से 3 बार सांसद रहे सज्जन कुमार 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपनी भूमिका की वजह से उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।


 


*कमलनाथ से इस्तीफा ले लें*


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सिरसा ने 1984 दंगों में कमलनाथ के कथित तौर पर शामिल होने के बावजूद उन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए रखने को लेकर कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, 'हम कांग्रेस अध्यक्ष से मांग करते हैं कि वह तत्काल प्रभाव से कमलनाथ से इस्तीफा लेकर उन्हें पद से हटाएं, तब ही सिखों को न्याय मिलेगा।' सिरसा ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि कमलनाथ इकलौते ऐसे सीएम बनेंगे जो पद पर रहते हुए 1984 दंगों में गिरफ्तार होंगे।'


 


*कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर एजेंसियों का शिकंजा*


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बता दें कि कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर इन दिनों जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कर्नाटक के दिग्गज डी. के. शिवकुमार जेल में हैं। कथित लैंड स्कैम के मामलों में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ईडी कई बार पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने अदालत से सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर के खिलाफ हत्या या फिर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा चलाने की गुजारिश की है। कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी जेल में हैं